मुझे सीढ़ी पर रूढ़िवाद समाज लिपटा हुआ दिखता है! मुझे सीढ़ी पर रूढ़िवाद समाज लिपटा हुआ दिखता है!
ऐसा कैसे कर लेते हो ! ऐसा कैसे कर लेते हो !
बेटी हो तो मातम पर माँ बहन और पत्नी की अभिलाषा है ! क्या यही मेरी परिभाषा है, क्या यही मेरी परिभा... बेटी हो तो मातम पर माँ बहन और पत्नी की अभिलाषा है ! क्या यही मेरी परिभाषा है, ...
मैं विदा होना चाहता हूँ ! मैं विदा होना चाहता हूँ !
ओ कल सारी धरा नारी विहीन हो तो कैसे संसार चलेगा। ओ कल सारी धरा नारी विहीन हो तो कैसे संसार चलेगा।
हाँ मैं नारी हूँ अबला नही, शक्तिहीन नही,ना ही मैं बेचारी हूँ! हाँ मैं नारी हूँ अबला नही, शक्तिहीन नही,ना ही मैं बेचारी हूँ!